रायपुर: बजट के अंत में सीएम भूपेश बघेल ने शायरी पढ़े तो अब बीजेपी भी शायरी के एक बढ़कर एक पंक्तियों से वार छेड़ दिया है। फर्क बस इतना है सीएम भूपेश ने अपने बजट की तारिफ की। इधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय भी भूपेश बघेल की शायरी का जवाब और बजट को विजन रहित और निराशजनक बताते हुए शायरी के कसीदे गढ़ते हुए कुछ यूं फरमाया, “रास्तों के उखड़ने का डर उन्हें कैसे होगा जो आंख मूंदें चल रहे हैं। जब बात होगी न्याय की तो अन्याय करने वालों को तो हटना ही होगा।, बजट की आलोचना का तात्पर्य यही निकला नई बोतल में पुरानी शराब, यानी कुछ भी भूपेश ने छत्तीसगढ़ को बजट में नहीं दे पाये, क्योंकि सरकार ने जो डाटागिरी पेश की है, ये ऐसे काम हैं, जो पुराने या पिछले वित्तीय वर्ष के हैं। बस इसे बजट में पेश कर पूरी जनता को धोखा में रखने का काम किया है। पिछले साल के बजट की योजनाओं के नाम और उनकी लागत को पेश कर एक रस्मअदायगी भर की है। अब जनता ये सब जान चुकी है। वक्त आने पर जिस आसमान की ऊंचाई को छू रहे हैं, वह दिन भी दूर नहीं जब सरकार रसातल पर आ जाएग