रायपुर::कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने हाल ही में जीएसटी नियमों में जोड़े गए अनेक नियमों को स्थगित रखने की मांग को आज फिर दोहराया है और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीताराम से आग्रह किया है की जीएसटी एवं आयकर दोनों के तहत ऑडिट रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जाए। कैट ने विवाद से विश्वास स्कीम को भी 31 मार्च तक आगे बढ़ाने की मांग की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन को आज भेजे एक पत्र में कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि किसी भी जीएसटी नियम के तहत आने वाले व्यापारियों की संख्या, इस नियम को स्थगित करने का कोई कारण नहीं हो सकती बल्कि वास्तव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नियम प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुरूप है या नहीं।
कैट की जीएसटी नियमों को स्थगित रखने की मांग पर मीडिया में हाल ही में प्रकाशित एक आधिकारिक बयान या जिसमें कहा गया था कि लगभग 45 हजार व्यापारिक प्रतिष्ठान नियम 86 बी के दायरे में आएंगे और इसलिए इस नियम को स्थगित करने का कोई औचित्य नहीं है। अमर पारवानी ने कहा कि हाल ही में व्यापारियों के साथ कोई परामर्श किए बिना जीएसटी में विभिन्न नियम जोड़े गए हैं। इसके अलावा नियम 22 दिसंबर, 2020 को अधिसूचित किए गए थे और उनको लागू करने की तिथि 1 जनवरी, 2021 है। केवल 9 दिनों के थोड़े समय में इलेक्ट्रॉनिक सॉफ़्टवेयर पर आधारित नियमों को समझना और उनका पालन करना बेहद मुुशकिल है—