
रायपुर bkb डेस्क:कोरोना की पहली और दूसरी लहर में रायपुर के छोटे से लेकर बड़े अस्पतालों तक एक भी बैड खाली नहीं थे. निजी अस्पतालों पर मरीजों ने खूब मनमानी करने के आरोप भी लगाए. लेकिन वे कोरोनाकाल में भगवान बनकर भी आएं और कई लोगों की जान भी बचाई. लेकिन आज आलम ये है कि वे लोगों की मदद के लिए अपने अस्पतालों में बूस्टर डोज लगवाने को लेकर भी कोई पहल नहीं कर रहे हैं.